Mai roun to-मैं रोऊँ तो

मैं रोऊँ तो

मैं रोऊँ तो तू आता है
मेरे आँसू पोंछता है
तू कितना है ईश्वर
मेरे सृष्टिकर्ता ईश्वर

आकाश के पंछिओं को खिलाता है
वो ईश्वर सदा मुझे पालता है
बीमार अगर मैं पड़ जाऊं तो भी
वो सदा मुझे देखता है

फूलों के खेतों को जो है सजाता
वो ईश्वर सदा मुझे पहनाता है
गर मैं गिरुं या फिसलूँ कभी तो
वो सदा मुझे थामता है

बेटे को मेरे जो है देता
वो ईश्वर मुझे माफ़ करता है
गर मैं गुनाहों में गिरने लगूं तो
वो सदा मुझे खींचता है


Mai roun to

Mai roun to tu aata hai
Mere aansu ponchta hai
Tu kitna hai ishwar
Mere sir̥iṭhikarta ishwar

Aakash ke panchion ko khilata hai
Vo ishwar sada mujhe palta hai
Bimar agar Mai paṛ jau to bhi
Vo sada mujhe dekhta hai

Phulo ke kheton ko jo hai sajata
Vo ishwar sada mujhe pahanata hai
Gar Mai giru ya phislu kabhi to
Vo sada mujhe thamta hai

Beṭe ko mere jo hai deta
Vo ishwar mujhe maf karta hai
Gar Mai gunahon me girne lagu to
Vo sada mujhe khichta hai

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