Tag: आज गुनाहो के सबब से

  • आज गुनाहो के सबब से, aaj gunaho ke sabab se,

    आज गुनाहो के सबब से,दिल मेरा ना संत है;माफ़ कर्दे मेरे गुनाह,तुज़से मेरी फरियाद है;आज गुनाहो के सबब से’दिल मेरा ना संत है; दोस्तो का साथ है,और है गुनाह की जिंदगी;कैसे पास आउ तेरे,आबरूह मेरी बर्बाद है; माफ़ कर्दे मेरे गुनाह………. हो चुका हू हीं इतना,कूद्पे अपना बस नही;शैतान की बातो से ही,जिंदगी बर्बाद है;…