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  • खुद को मैं, देता हूँ Khud ko mai,deta hu

    खुद को मैं, देता हूँ पूरे दिल से अर्पण करता हूँ कुम्हार के हाथो मे बर्तन समान मुझको बनादे तू मेरे प्रभु (2) मैं थक न जाऊं प्रभु इस ज़िन्दगी में कभी जब तक ये जान है प्रभु संग तेरे रहना है (2) अनुग्रह दे तेरी आत्मा से ताकी बना रहू मैं सर्वदा (2) आपनी…