Tag: तुम दुनिया के नूर हो Tum duniya ke noor ho
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तुम दुनिया के नूर हो Tum duniya ke noor ho
तुम दुनिया के नूर हो तुम दुनिया के नूर होचराग बन के चमको जो शहर ऊँचे पहाड़ो पे बस्ता हैउसे भला कैसे छुपाया जा सकता है शम्मा जला के कौन उसको छुपता हैरौशनी से उसकी उजाला हो जाता है ऐसे काम करना सदा तुम दुनिया मेंतुम में सब तुम्हारे मसीहा को पहचाने Tum duniya ke…
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तुम जगत की ज्योति हो Tum jagat ki jyoti ho
तुम जगत की ज्योति हो तुम जगत की ज्योति होतुम धरा के नमक भी हो- 2 तुमको पैदा इसलिये कियातुमको जीवन इसलिये मिलाउसकी मर्ज़ी कर सको सदातुम जगत… वो नगर जो बसे शिखर परछिपता ही नहीं, किसी की नज़रतुम्हारे भले कामचमके इस तरहतुम जगत… पड़ोसी से प्रेम, तुमने सुना हैदुश्मनों से प्रेम मेरा कहना हैतब…