Tag: Krush Uthate Hue;
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आयेज बढ़ो मेरे प्रियो, कृष उठाते हुए; Aage Badho Mere Priyo, Krush Uthate Hue;
आयेज बढ़ो मेरे प्रियो, कृष उठाते हुए;दुख हो या गम बढ़ते चलो (2)धीरज के साथ सहते हुए (2) आत्मिक हथियार धर्न कर के,युद्ध करो योद्धा बनके (2)तोड़ डालोगे यृहो की दीवार (2)जे पाओगे ललकार के साथ सेवा करो प्रभु के लिए,सामना करो प्रभु के लिए (2)तोड़ डालो तुम शैतान के तिरो को (2)धार्मिकता की जिलम…