Tag: naav chali
-
चली रे चली मेरी, नाव चली Chali re chali meri, naav chali
चली रे चली मेरी, नाव चलीअपने पिया के गाओं चली यह संसार, घर नहीं मेराजाना है मुझको पिया नागरी धूप में बैठी, झुलस गयी हूँघर में साजन के, चाओं घनी डोर पहाड़ से, शबाद सुनू मैंदेर ना कर अब आ सजनी… भाव सागर से, पार लगवेपार लगवे, येशू मसीह Chali re chali meri, naav chaliChali…