Tag: आजा की बुलाती है Aaja Ki Bulati Hai

  • आजा की बुलाती है Aaja Ki Bulati Hai

    आजा की बुलाती हैसूली पे फैली वो बाहेंतेरी राह देखती हैइस पार तेरी वो रहें इस पार है समुंदर, उस पार तेरा घेर हैमाझी है तेरा येशु, किस बात का डर हैतू है ज़मी पे तुझ पर, है उसकी निगाहें गम की घटा के पीछे, एक चाँद है ख़ुशी काइन आंसुओं में लिपटा, पैगाम है…