Tag: तुम जगत की ज्योति हो Tum jagat ki jyoti ho

  • तुम जगत की ज्योति हो Tum jagat ki jyoti ho

    तुम जगत की ज्योति होतुम धरा के नमक भी हो- 2 तुमको पैदा इसलिये कियातुमको जीवन इसलिये मिलाउसकी मर्ज़ी कर सको सदातुम जगत… वो नगर जो बसे शिखर परछिपता ही नहीं, किसी की नज़रतुम्हारे भले कामचमके इस तरहतुम जगत… पड़ोसी से प्रेम, तुमने सुना हैदुश्मनों से प्रेम मेरा कहना हैतब ही तुम संतानपरमेश्वर समान,तुम जगत……