है दी आवाज़ फरिश्तो ने ज़मी के लोगो को Hai di aawaz farishto ne zami ke logo ko

है दी आवाज़ फरिश्तो ने ज़मी के लोगो को

है दी आवाज़ फरिश्तो ने ज़मी के लोगो को
उतर आया जहा में अब खुदा इंसान बन के
है दी आवाज़

१. वो आया है गुनाह की कैद से आजाद करने को
जो उजडे ज़िन्दगी के बाग़ उन्हें आबाद करने को
न हो मायूस खुदा आया उमीदो का जहाँ बनके
उतर आया जहाँ में …

  1. जो बैठे है अंधेरो में वो आये रौशनी ले ले
    गमो में रहने वाले ज़िन्दगी की हर ख़ुशी ले ले
    वो आया है खुदा इंसान, मेहरबान बनके
    उतर आया जहाँ में …

३. चाल वास्ते वो आसमानी प्यार लाया है
नया जीवन नयी रहे नया संसार लाया है
कभी जो ख़त्म न हो आया ऐसी दास्ताँ बनके
उतर आया जहाँ में ..


Hai di aawaz farishto ne zami ke logo ko
uter aaya jaha mai aab khuda insaan banke
haidi aawaz

  1. wo aaya hai gunah ki kaid se aazad kerne ko
    jo ujde zindagi ke baag unhe aabad kerne ko
    na ho mayus khuda aaya umeedo ka jaha banke
    uter aaya jaha mai…
  1. jo baithe hai andhero mai wo aaye roshni lele
    gamo mai rehne wale zindagi ki her khushi lele
    wo aaya hai khuda insaan , mehrbaan banke
    uter aaya jaha mai…..
  2. hamare waste wo aasmani pyar laya hai
    naya jeewa naye rahe naya sansaar laya hai
    kabhi jo khatm na ho aaya aisi dastaan banke
    uter aaya jaha mai….

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